सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Who was the creator of chittorgarh

चितौड़गढ के इतिहास के निर्माता




 बप्पा रावल :: {1}

बप्पा रावल का नाम कालभोज था उनके पिता शिलादित्य भीलो की बस्ती इडर के राजा थे वे राजकर्म में निष्क्रिय थे तो भीलो द्वारा मारे गए उस समय बप्पा की उम्र 3 वर्ष की थी बालक बप्पा को कुल पुरोहित के हाथों सौंप दीया और उनकी माता सती हो गई पुरोहितन चित्तौड़ तोड़ छोड़कर नागदा आकर बस गए और बप्पा बड़े प्यार व सम्मान से बडे हुए तब नागदा में बप्पा की भेट हरित ऋषि से हुई जो एकलिंग जी की पूजा करते वह प्रतिदिन हरित ऋषि के साथ एकलिंग जी की पूजा करने लगे ऋषि ने प्रसन्न हो कर बप्पा को राजा का आशीर्वाद दिया ऋषि ने अपने तपोबल से बप्पा को प्रसाद देने के हेतु बुलाया लेकिन स्वर्गवास प्रस्थान के समय उनको देरी हो गई आकाश से हरित ऋषि ने अपना पान बाण की तरफ फेंका की बप्पा के मुंह में नहीं गिरा पान प्रसार उनके पांव में गिर गया ऋषि ने कहा यह पान तुम्हारे मुंह में गिरता तो तुम अमर हो जाते लेकिन यह पाव में गिरा इसलिए मेवाड़ का राज्य तुम्हारे पांव के नीचे से नहीं जाएगा बापा रावल अपने दो भील मित्रों के साथ राजा मान मौर्य के पास चित्तौड़ आ गए




https://marudhar1.blogspot.com

 सन 735 ईस्वी में अरब निवासी मोहब्बद बिन कासिम ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया बप्पा ने अपने भील साथियों की सहायता से उसे मार भगाया चित्तौड़ के राजा मान मौर्य से चित्तौड़ का राज्य छीन कर गद्दी पर बैठ गए चित्तौड़ की गद्दी पर बैठने से पूर्व बप्पा का राजतिलक इन दोनों भील साथियों ने किया बप्पा  ने अपने  राज्य काल में काबुल कंधार खुरसान उज़्बेकिस्तान  ईरान के राजाओं पर विजय प्राप्त की चक्रपति 'हिन्दूआ सुरज'  राजगुरु की उपाधि प्राप्त की मेवाड़ राजवंश में भगवान एकलिंग जी को आराध्य देव माना जाता है एवं मेवाड़ के महाराणा उनके दीवान कहलाते हैं बप्पा  रावल की मृत्यु कैलाशपुरी वह नागदा के बीच जहां पर उनका मंदिर बना है

Who was the creator of Chittorgarh. (1)

 Bappa Rawal's name was Kalabhoj. His father was the king of Shiladitya Bhilo town, Idar. He was inactive in the Rajkarma, then killed by Bhilo. At that time, Bappa was 3 years old and handed over the child to Bappa, a total priest and His mother became Sati, the priest left Chittor and settled in Nagda and Bappa grew up with great love and respect, then Bappa's brother in Nagda met the green sage who worshiped Ekling ji, he started worshiping Ekling ji with the green sage every day. The sage was pleased and blessed Bappa with the king. The sage called Bappa to make offerings to him from his Tapobal but he was delayed at the time of his departure from heaven. The green sage threw his paan towards the arrow and did not fall in Bappa's mouth. Sage spread fell in his feet. The sage said that if this paan fell in your mouth, you would become immortal but it fell in the paw, so the kingdom of Mewar will not go under your foot. Bapa Rawal with his two Bhil friends to King Maan Maurya Arab resident Mohabbad bin Qasim came to Chittor in 735 AD Bappa invaded Chittor, with the help of his Bhil companions, drove him to death and took the throne of Chittor from the King Maurya of Chittor and sat on the throne, Bappa ruled the kingdom before sitting on the throne of Chittor. In the period of Kabul Kandahar, Khursan, Uzbekistan conquered the kings of Iran, Chakrapathi 'Hindua Suraj' Rajguru received the title of Lord Mekling in the Mewar dynasty and the Maharana of Mewar is called his Diwan, Bappa Rawal's death Kailashpuri, that Nagda. Between where their temple is built.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उड़ना राजकुमार पृथ्वीराज का सम्पूर्ण इतिहास जाने

उड़ना राजकुमार पृथ्वीराज का सम्पूर्ण इतिहास जाने उड़ना राजकुमार पृथ्वीराज का" सम्पूर्ण इतिहास जाने- कुंवर पृथ्वी सिंह जिन्हें उड़ना पृथ्वीराज के नाम से भी इतिहास में जाना जाता है, मेवाड़ के महाराणा रायमल के ज्येष्ठ पुत्र थे व इतिहास प्रसिद्ध महाराणा सांगा के बड़े भाई। सांगा व कुंवर पृथ्वीराज दोनों झाला राजवंश में जन्मी राणा रायमल की रानी रतनकंवर के गर्भ से जन्में थे। कुंवर पृथ्वीराज अपने अदम्य साहस, अप्रत्याशित वीरता, दृढ निश्चय, युद्धार्थ तीव्र प्रतिक्रिया व अपने अदम्य शौर्य के लिए दूर दूर तक जाने जाते थे| इतिहासकारों के अनुसार अपने इन गुणों से “पृथ्वीराज को लोग देवता समझते थे|” पृथ्वीराज एक ऐसे राजकुमार थे जिन्होंने अपने स्वयं के बलबूते सैन्य दल व उसके खर्च के लिए स्वतंत्र रूप से आर्थिक व्यवस्था कर मेवाड़ के उन कई उदण्ड विरोधियों को दंड दिया जो मेवाड़ राज्य की परवाह नहीं करते थे| इतिहासकारों के अनुसार यदि पृथ्वीराज की जहर देकर हत्या नहीं की गई होती और वे मेवाड़ की गद्दी पर बैठते तो देश का इतिहास कुछ और ही होता| यदि राणा रायमल का यह ज्येष्ठ पुत्र पृथ्वीराज जीवित होता और सांगा के स्थान

पाति परवन परम्परा, क्या है जाने Pati pervan parmpara

 पाति परवन परम्परा "क्या है जाने Pati parvan parmpara  पाति परवन परम्परा , pati parvan prarmpara अर्थात अधर्मी व विदेशी बर्बर आक्रांताओं को हिंदू साम्राज्य की सीमाओं से खदेड़ने हेतु सनातनी राजाओं का एक संगठन के रूप में सहयोग करना जिसमे शपत ली जाती थी कि -  " जब तक इस देह में प्राण है तब तक इस वीर भूमि भारतवर्ष पर अधर्मीयों का अधिपत्य नहीं होने देंगे। "  पाति परवन परम्परा राजपुत कालीन एक प्राचीन परम्परा जिसे राजपूताना में पुनजीर्वित करने का श्रेय राणा सांगा जी  ( संग्राम सिंह प्रथम - मेवाड़ ) को दिया जाता है। राजपूताने के वे पहले शासक थे  जिन्होंने अनेक राज्यों के राजपूत राजाओं को विदेशी जाति विरूद्ध संगठित कर उन्हें एक छत्र के नीचे लाये ।  बयाना का युद्ध ( जिसमे बाबर बुरी तरह पराजित हुआ ) एवम् खानवा का युद्ध पाति परवन परम्परा के तहत ही लड़ा गया।  बयाना युद्ध में विजय पश्चात सभी राजाओं द्वारा महाराणा सांगा को " हिंदूपत ( हिंदूपात ) की पदवी से विभूषित किया गया। जिसका तात्पर्य हिंदू सम्राज्य के राजाओं का महाराजा है। खान्डा परम्परा क्या है जाने

World-Rabari caste has the most beautiful culture

 विश्व-रबारी जाति में सबसे सुंदर संस्कृति हैं  World-Rabari caste has the most beautiful culture विश्व स्तर में सुंदर वेशभूषा और संस्कृति में रबारी समाज दूसरे स्थान पर चुना गया यह समाज और देश के लिए बड़े गर्व की बात है वही संपूर्ण भारतवर्ष में नंबर एक पर चुना गया   अपनी   वेशभूषा केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि पूरे वर्ल्ड में  दूसरा  स्थान प्राप्त किया है इसलिए मैं उन सभी महानुभव से निवेदन करूंगा कि जो आपने बुजुर्ग लोगों ने अपनी वेशभूषा को पहचान दी है हम सबके लिए बहुत ही गर्व की बात है हमारी संस्कृति इंडिया में नहीं विदेशों में सिंगापुर इंडोनेशिया के अंदर की गुजी हैं बड़े स्टेट पर जाकर भी लोगों ने सामान दिया है Most beautiful culture in the world  2nd number of rabari ( dewasi samaj)  पूरी दुनिया की संस्कृति में रबारी समाज  को  दूसरा_स्थान और भारत में एक नंबर स्थान मिलने पर बधाई हमारी संस्कृति म्हारो अभिमान मेरी वेशभूषा ही मेरी पहचान म्हारो समाज म्हारी ताकत यह पोस्ट पढ़ें >>  मेवाड़ रियासत वह इतिहास यह पोस्ट पढ़ें >> रेबारी समाज कि जनसंख्या बहुत-बहुत बधाई हो रबारी समाज की