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अगस्त, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

TS Eamcet results:2021 सीधा लिंक, टॉपर्स कि सूची

 TS Eamcet 2021 results/सीधा लिंक, टॉपर्स कि सूची TS Eamcet  2021 results (आउट) लाइव: परिणाम घोषित; सीधा लिंक, टॉपर्स की सूची TS Eamcet results  2021: आप देख सकते है TS  Eamcet 2021 का परिणाम eamcet.tsche.ac.in वेब पर और careers360.com पर घोषिंत कीया गया है। जो आवश्यक टीएस ईएएमसीईटी कट-ऑफ अंक सुरक्षित करते हैं, उन्हें ईएएमसीईटी परामर्श और प्रवेश प्रक्रिया के लिए आमंत्रित किया जाएगा। नई दिल्ली : टीएस ईएएमसीईटी परिणाम 2021 की घोषणा कर दी गई है। इंजीनियरिंग, कृषि और मेडिकल प्रवेश परीक्षा लिखने वाले सभी छात्र अपने स्कोर की जांच कर सकते हैं। चेक करने के लिए आधिकारिता वेबसाइट यह पोस्ट पढ़ें>> टोक्यो ओलम्पिक खेल . आधिकार वेबसाइट के अलावा, छात्र टीएस ईएएमसीईटी परिणाम 2021 को careers360.com से डाउनलोड कर सकते हैं। जवाहरलाल नेहरू तकनीकी विश्वविद्यालय (JNTU), हैदराबाद ने राज्य की उच्च शिक्षा परिषद ( TSCHE ) की ओर से 4, 5 और 6 अगस्त को  TS EAMCET 2021 परीक्षा आयोजित की। टीएस ईएएमसीईटी परिणाम 2021 डाउनलोड करने के लिए, उम्मीदवारों को टीएस ईएएमसीईटी रैंक कार्ड की जांच करने के लिए अपनी पंजीकरण

Tokiyo Paralympics 2020में nishad kumar ने रजत पदक जीता है

 Tokiyo Paralympics 2020में nishad kumar ने रजत पदक जीता है। निषाद कुमार जी ने टोक्यो पैरालिंपिक में जीता है रजत पदक  आप सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई है कि एक भारतीय खिलाड़ी ने Tokiyo Paralympics में रजत पदक अपने नाम किया है और अपने देश का नाम ऊंचा किया है  Tokyo Paralympics-2020 (टोक्यो पैरालिंपिक 2020) में रविवार के दिन भारत की झोली में एक और रजत पदक आ गया है. लम्बी कूद खिलाड़ी Nishad Kumar (निषाद कुमार) ने भारत के लिए रजत पदक जीता . निषाद कुमार ने पुरुषों की T46\47 लम्बी कूद में भारत के लिए रजत पदक जीता है. निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की कूद लगाई. इस कूद के साथ उन्होंने एशिया का रिकॉर्ड की बराबरी की हैं. यह टोक्यो के खेल में भारत का सेकंड पदक जीता है. निषाद कुमार से पहला भारत की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना बेन पटेल ने भी रजत पदक जीता था अमेरिका के एक खिलाड़ी जिसने सबसे लम्बी कुद कर world record बनाया है जिसका नाम है। टाउनसेंड रोडेरिक ने विश्व रिकॉर्ड 2.15 मीटर की कूद के साथ स्वर्ण पदक जीता है। तीसरा स्थान पर भी अमेरिका के खिलाड़ी विसे डलास रहे जिन्होंने 2.06 मीटर की कूद लगाई.

Paralympics एथलेटिक्स tokiyo 2021

 Paralympics एथलेटिक्स tokiyo 2021 पैरालंपिक Paralympics की शुरुआत कलाबाजों, जोकरों और आतिशबाजी के साथ होती है, लेकिन स्टेडियम में कोई प्रशंसक नहीं है  कागज का इतिहास  यह पोस्ट पढ़ें जयजंगलधर बादशाह टोक्यो Tokiyo (एपी) - पैरालिंपिक Paralympics मंगलवार को उसी खाली नेशनल स्टेडियम में शुरू हुआ - उसी महामारी के दौरान - हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक की योजना और समापन समारोह के रूप में जापानी सम्राट नारुहितो ने इस बार "वी हैव विंग्स " थीम के तहत इसे फिर से शुरू किया। हाथ में कुछ लोगों में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के पति डगलस एम्हॉफ, अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक अध्यक्ष थॉमस बाख थे। यह एथलीटों की लंबी परेड की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए स्टेडियम के ऊपर कलाबाज, जोकर, जीवंत संगीत और आतिशबाजी के साथ एक सर्कस जैसा उद्घाटन था। उद्घाटन समारोह में प्रतिनिधित्व किए गए 162 प्रतिनिधिमंडलों के राष्ट्रीय झंडे थे, जिसमें शरणार्थी टीम भी शामिल थी। इसके अलावा, टोक्यो में प्रतिनिधिमंडल के हाथ में नहीं होने के बावजूद अफगानिस्तान

Panjshir taliban ka yuddh

 Panjshir taliban ka yuddh अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत अभी तक तालिबान के कब्जे में नहीं है। सुत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि भारी संख्या में तालिबानी लड़ाकु पंजशीर पहुंच रहे हैं जिनके सामना अहमद-मसूद की सबसे बड़ी सेना से होने वाला है। पंजशीर के लडाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बावजूद अफगानिस्तान का पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं है। यहां सामना अहमद मसूद और तालिबान के बीच का है। रविवार को खबर से पता चला कि आतंकी समूह बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके पंजशीर में भेजा जहां रहा है। इसी के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है।  वीडियो से पता चला है कि तालिबान के लड़ाके पंजशीर पहुंचे लेकीन सामने अहमद-मसूद की सेना ने फायरिंग कर उनका स्वागत जोरदार धमाके के साथ किया। इसी के साथ यह वीडियो सभी सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई देता हैं पंजशीर घाटी के बीच एक सफेद रंग की कार और कार में लोग नजर आ रहे थे सब कुछ सामान्य दिख रहा था कुछ समय बाद फिर अचानक एक जोरदार बम का विस्फोट होता दिखाई पड़ता है और वह तस्वीर धुएं व धूल के बीच गायब हो जाती ह

history of science and technology in india

 history of science and technology in india The knowledge of India is rooted in the Vedas. The description available in the Vedas gives information about our rich culture and rich knowledge . What we call science today is contained within our knowledge. Some prominent scientists of the ancient modern period Read more :: kirti stambh 1460 1. Varaha Mihir - He was probably born in the year 499. He expressed the idea for the first time that there is a force that holds things together with the earth. He has written the book of astrology 'Panch Siddhantika'. His book 'Brihadwarahi Samhita' is considered to be the main basis of astrology. 2. Brahma Gupta He was born in Gujarat in the year 518. He first explained the rules for using zero. Worked on numerical analysis, a branch of higher mathematics. Explaining the difference between algebra and arithmetic, he considered two branches of mathematics. Explaining Varahamihira's point, he said that the earth, due to its n

जयजंगलधर बादशाह Jay jangaldhar badshah कौन थे

 जयजंगलधर बादशाह (Jay jangaldhar badshah) पद्मसिंह “ जयजंगलधर बादशाह ” के नाम से इतिहास में मशहूर बीकानेर के महाराजा करणसिंह के तीसरे पुत्र थे। उनका जन्म महाराजा करणसिंह जी की रानी स्वरूपदे हाड़ी की कोख में वि.स. 1702 वैशाख सुदि 8 (22 अप्रेल 1645) को हुआ था। Read more:: मेवाड़ रियासत का इतिहास Read more:: कागज का इतिहास उनकी वीरता और पराक्रम की इतिहास में कई गाथाएँ प्रसिद्ध व चर्चित है। धर्मातपुर, समुनगर आदि के युद्धों में पद्मसिंह औरंगजेब के पक्ष में लड़े और अपनी वीरता की धाक जमाई। शहजादे शुजा के मुकाबले में जब शाही सेना खजवा का युद्ध जीतकर आई तब बादशाह औरंगजेब ने पद्मसिंह व उनके भाई केसरीसिंह का यहाँ तक सम्मान किया कि अपने रुमाल से उनके बख्तरों की धूल झाड़ी। फिर उनको बादशाह ने दक्षिण में तैनात किया जहाँ उन्होंने अपनी तलवार के जौहर दिखलाकर अपनी वीरता प्रदर्शित की।  सकेला खड़ग : - सकेला की बनी उनकी तलवार आठ पौंड वजनी तीन फूट ग्यारह इंच लम्बी और ढाई इंच चौड़ी है। उनके शास्त्राभ्यास का खांडा (खड्ग) पच्चीस पौंड वजन का चार फूट छ: इंच लम्बा और ढाई इंच चौड़ा है, जिसको आजकल का पहलवान सरल

Kirti Stambh 1460 । history of mewad

 Kirti Stambh 1460 history of mewad Composed by Atri Putra Mahesh (Poet). It is engraved on several rocks in the Kati Stam of Chittorgarh . Now only two rocks are available. In this prashasti, the detailed genealogy of Guhil dynasty from Bapa to Kumbha and their achievements are described. There is also a detailed account of the conquests of Kumbha . In this, along with Kumbha's opponents, there is a description of the texts composed by him and the defeat of the armies of Malwa and Gujarat by Kumbha . It also describes its praiser Mahesh Bhatt. This prashasti is very useful to understand the political, religious, social and cultural status of Rajasthan in the 15th century. In this prashasti, there is a description of the texts composed by Kumbha , Chandishtak, Sangeetaraj and Gita Govinda's commentary. Kumbhalgarh Prashasti: It was received in Kumbhalgarh . It contains information about the condition of Mewar around 1460 AD. It was engraved on 5 rocks which were instal

मेवाड़ के सिक्के |इतिहास |मेवाड़ रियासत

 मेवाड़ के सिक्के  मेवाड़ रियासत में चलने वाले चांदी के सिक्के द्रम्म, रूपक, तांबे के सिक्के कर्षापण कहलाता हैं इतिहासकार वेब के अनुसार प्रारम्भ में ये इंडो सेसेनियन ' शैली के बने थे  शिवि जनपद की राजधानी नगरी मध्यमीका से चांदी तांबे की मुद्रा मिली है जो आधुनिक ढिगला के ही अनुरूप थी   मेवाड़ क्षेत्रों में हूणों द्वारा प्रचलित चांदी और तांबे की गधियां मुद्रा भी प्राप्त हुई हैं मेवाड़ के गुहिल के सिक्के जो लगभग 2000 है तथा चांदी के बने हुए हैं  आगरा के संग्रह से प्राप्त हुए हैं महाराजा कुंभा के द्वारा चलाए गए चौकोर एव गोल चांदी एवं तांबे के सिक्के मिले हैं  महाराजा संग्राम सिंह द्वारा चलाए गए तांबे के सिक्के पर स्वस्तिक तथा त्रिशूल अंकित मिला है मुगल सम्पर्क के पश्चात मेवाड़ में सिक्का एलची, चितौड़ी, भीलाडी' और उदयपुरी रुपया प्रचलन में आया था  महाराजा स्वरूपसिंह ने स्वरूपशाही सिक्के चलाए  जिसके एक और चित्रकूट उदयपुर तथा दूसरी और दोस्तिलघना' अंकित होता था  महाराणा स्परूपसिंह के काल में चाॅदौडी नामक स्वर्ण मुद्रा का भी चलन था शाहआलमी' प्रकार का रुपए भी चित्तौड़ग

History of paper कागज का इतिहास

 कागज का इतिहास history of paper नमस्कार दोस्तों मैं Raju lartunga आज हम दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तु कागज के इतिहास के बारे में अधिक जानकारी साझा करेंगे  किया आपको पता है कि कागज का अविष्कार किसने किया था वह किस देश का नागरिक है कागज का उपयोग आज हम रोज करते है  कागज के बिना कोई भी काम अधूरा है बच्चों की पढ़ाई हो यह बिजनेस आॅफिस इन सब में कागज का उपयोग होता है कागज बनाने में लकड़ी,घाच फुस, कचा माल का उपयोग होता है कागज का अविष्कार करने वाला व्यक्ति cai lun है जो चीन का रहनेवाला है कागज कि खोज 202 ईपू.मे कि गई थी  हान राजवंस के राज्य काल में इसकी तो पूष्टी हो गई कि कागज का अविष्कार चीन में हुआ लेकिन चीन के बाद में दुसरे नम्बर पर भारत आता है  भारत ही वह देश जहां छापाई व बनाया  जाने लगा कागज जिसका प्रमाण सिन्धु सभ्यता की खोज करता विज्ञानिको न जिसकी पुष्टि की है  सिन्धु सभ्यता में भी कागज का उपयोग वह निर्माण करने के कई सबित सामने आया जिससे यह पता चला कि चीन के बाद भारत में सर्वप्रथम बनाया जाने लगा तथा कागज का उपयोग होता था  जिसके बाद में पुरी दुनिया भर में कागज का इस्तेमाल व्यापक रूप