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Panjshir taliban ka yuddh

 Panjshir taliban ka yuddh

अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत अभी तक तालिबान के कब्जे में नहीं है। सुत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि भारी संख्या में तालिबानी लड़ाकु पंजशीर पहुंच रहे हैं जिनके सामना अहमद-मसूद की सबसे बड़ी सेना से होने वाला है।

Panjshir talibani

पंजशीर के लडाके

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बावजूद अफगानिस्तान का पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं है। यहां सामना अहमद मसूद और तालिबान के बीच का है। रविवार को खबर से पता चला कि आतंकी समूह बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके पंजशीर में भेजा जहां रहा है। इसी के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है।

 वीडियो से पता चला है कि तालिबान के लड़ाके पंजशीर पहुंचे लेकीन सामने अहमद-मसूद की सेना ने फायरिंग कर उनका स्वागत जोरदार धमाके के साथ किया। इसी के साथ यह वीडियो सभी सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है।

वीडियो में दिखाई देता हैं पंजशीर घाटी के बीच एक सफेद रंग की कार और कार में लोग नजर आ रहे थे सब कुछ सामान्य दिख रहा था कुछ समय बाद फिर अचानक एक जोरदार बम का विस्फोट होता दिखाई पड़ता है और वह तस्वीर धुएं व धूल के बीच गायब हो जाती है। हांलांकि अब तक इन दावों की आधिकारिक रूप से पुष्टि उन में से किसी भी समूह की ओर से नहीं की है। पंजशीर पर कब्जा करना तालिबान को इतना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां अहमद-मसूद के बेटे अहमद मसूद सीनियर के बड़े विद्रोही लड़ाकों के साथ तालिबान को बराबर कि टक्कर देने के लिए तैयार हैं।


पोस्ट पढ़ें>> पचरंगा किया है

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जंग और बातचीत दोनों के लिए तैयार हैं पंजशीर

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों से जोरदार कि टक्कर दे रहे विद्रोही नेता अहमद मसूद ने कहा है। कि व आतंकी संगठन के साथ बातचीत और जंग दोनों के करने के लिए तैयार हैं।अहमद-मसूद ने यह फैसला ऐसे समय पर किया। जब तालिबान के आतंकियों ने पंजशीर की घाटी में धावा बोलने के लिए कहीं हजार की तादाद में तैनात करने के लिए अपने लड़ाकुओं को भेजा था।अहमद-मसूद के पक्ष का दावा कि उन्होंने तालिबानी आतंकियों को घेर में लिया है तथा तालिबान के 250 लड़ाकु ओं को मार गिराए जाने का दावा करता है!

अहमद-मसूद के पास में बड़ी सेना हैं । अहमद-मसूद पंजशीर के शेर कहने वाला। मसूद के बेटे ने रॉयटर्स-फोन पर बातकर कहा, 'हम लोग तालिबान को यह अहसास करा दिया है । कि आगे बढ़ना का एकमात्र उपाय बातचीत से हल हो सकता है।' तालिबानियों को जबाव देने के लिए अहमद-मसूद ने अपनी एक सेना कि टुकड़ी खड़ी की है जो अफगानिस्तान की सेना, स्पेशल फोर्से व स्थानीय लड़ाकुओं से मिलकर बना हैं। मसूद ने कहा, 'हम लोग नहीं चाहते हैं कि युद्ध की शुरू हो । बातचीत करना चाहते हैं तो भी हम मन्जुर है

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