पन्नाधाय अपने पुत्र का बलिदान देकर राजवंश की रक्षा की थी? पन्नाधाय मेवाड़ के इतिहास में पन्ना धाय का नाम हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता रहेगा मेवाड़ के महाराणा वंश की रक्षा करने का श्रेय पन्नाधाय को ही हैं वह खीची चौहान वंश की क्षत्राणी थी उदय सिंह को जन्म से पालती थी पन्ना धाय का लड़का चंदन और उदय सिंह हमउम्र थे बनवीर ने विक्रमादित्य की हत्या के बाद राजकुमार उदय सिंह को भी मारने चला ताकि राज्य के अंतिम दावेदार को मारकर निष्कटक राज्य भोगा जाये मेहलों में कोलाहल से उदय सिंह की धायपन्त्रा को महाराणा को मारे जाने का ज्ञान हो गया था उसने उदय सिंह को महल से बाहर निकाल दिया और उसी के उम्र के अपने पुत्र चंदन को राजकुमार उदय सिंह के पलंग पर उसे सुला दिया बनवीर ने उदय सिंह के महल में आकर पन्ना से पूछा कि उदय सिंह कहां है तो उसने पलंग की तरफ संकेत किया बनवीर ने एक ही वार में उदयसिंह के पलंग पर सोये पन्नाधाय के पुत्र का काम तमाम कर दिया उदयसिंह को लेकर पन्ना महलों से निकाल आई बनवीर मेवाड़ का स्वामी बनकर राज्य करने लगा | उसने उन सरदारो पर सख्ती करनी शुरू कर दी जो उसने अकुलीन मानते
Divine information in Hindi 1 "Ancient History facts" 2 "World History timeline" 3 "Historical events today" 4 "Famous historical places" 5 "Significance of historical figures"