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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

history of India in English

 Who was the first to write the history of India? History of India No one has written the history of India, the people of India have made the history of India.  Vedic civilization is the earliest civilization in the history of ancient India,  which is related to the arrival of the commission, it is named after Karan Arya's early literature Vedas.   Thistory of India is believed to be several thousand years old, as soon as Bharat has been told, its history goes back in the same way.   The history of India is believed to be 65,000 years ago. Modern humans, Homo sapiens,  had reached the Indian subcontinent from Africa,  it is believed by modern historians.  Historians say that modern man was born in India, which is mentioned in Shrimad Bhagwat Geet.  Related post Veer tejaji

वीर तेजाजी का जन्म कब हुआ

 वीर तेजाजी का जन्म कब हुआ वीर तेजाजी दशमी कब है वीर तेजाजी की दशमी वर्ष 2021 में तेजा दशमी 16 सितंबर को हैं ताहरजी (थीरराज) और रामकुवरी के घर माघ शुक्ला,चोहस संवत 1130 यथा 1074 के दिन एक जाट कुल में तेजा जी का जन्म हुआ था यह बचपन से ही साहसिक कार्य करने लग गया थे तेजाजी महाराज का बचपन में ही विवाह हो गया था पेमल के साथ में  वीर तेजाजी के कितने भाई थे वीर तेजाजी के तेहड़ जी के कहड़जी, देवजी, दोसोजी चार भाई थे जिनमें देव जी की संतानों से आगे धूलिया गोत्र चला धोलिया वंश की उत्पत्ति खरनाल से हुई थी तेजाजी ने 11वीं सदी में गायों की की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दाव पर लगा दिए थे  तेजाजी का भाभी से संवाद - नियम समय के उपरांत तेजाजी की भाभी रोटियां लेकर आए तेजाजी बोले  बेल्य भूखा रात का बिना कलेवे तेज|  भावज था सु विनती कटे लगाई देर जेज| देवर तेजाजी के गुस्से के भावज झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी उसने चिडने के लहजे में कहा  मण पीस्यो मण पोयो कंवर तेजा रे | मण को रान्यो खाटो खिचडो , लीलन खातर दल्यो दानों कंवर तेजा रे  साथे तो ल्याई भातो निरणी |  दोड़ी लार की लार आई कवर त

मगध साम्रज्य का संस्थापक कौन था magath samrajye ka sansthapak kon tha

 मगध साम्राज्य का संस्थापक कौन था | Ans.बिम्बिसार 544 ई. को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक राजा बनाया गया है बिम्बिसार ने राजगीर को अपनी राजधानी बनाया | इसके वैवाहिक सम्बन्धों { कौशल, वैशाली एवं पंजाब } की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया गया | बिहार राज्य में एक मंडल ने मगध मंडल का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्व वेद में मिलता है मगध बुद्ध कालीन में साम्रा्यों का शक्तिशाली एक राजतांत्रिक राज्य हुआ करता था  यह बिहार राज्य के दक्षिण दिश में मगध साम्राज्य हुआ करता था जो बाद में उतर भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली महाजनपद हुआ  मगध साम्राज्य की स्थापना 684 बीसी.320 बीसी में हुआ था Next page

वीरधर्म किया है

 वीरधर्म ( heroic religion) : युद्ध में घायल हो रण उन्माद में घूमना  सच्चा क्षत्रिय वीर heroic  युद्ध में घायल हो, खाट नहीं पकड़ता वरन रोष और प्रतिशोध की ज्वाला में जलता हुआ बडबडाता है तथा घाव से घायल हुआ भी रणोन्माद में घूमता है।  इस आशय का ईश्वर दास जी का कथन है कि- मतवाळा घूमै नहीं, नहं घायल बरड़ाय । बालि सखी ऊ द्रंगड़ों, भड बापडा कहाय ।। ठीक ऐसा ही भाव सूर्यमल मिश्रण ने भी व्यक्त किया है- " दिन में देखूं जूझतो, निस घावां बरडाय।" यहां "बरडा़ना" से तात्पर्य नींद में प्रलाप करने से नहीं है जैसा कि प्राय लोग किया करते हैं अपितु यह रोषोन्मत वीर का घायल और निद्रा अवस्था में भी शत्रु से प्रतिशोध लेने हेतु व्यक्त एस अस्फुट विरोद्गार है। तात्पर्य यह है कि सच्चे वीर के अवचेतन में भी लड़ने और शत्रु से बैर का बदला लेने की ही चाह लगी रहती है जिससे वह नींद में भी क्रोध से बडबडाता है और घायल हुआ भी झूमता है। सूर्यमल मिश्रण ने इसे ही वीर धर्म कहा कहा है। "रतनधाय धुम्मन ही विरंचन धर्म बीरन को रच्यो‌‌" अर्थात ब्रह्मा ने वीरों का धर्म युद्ध में घावों से घूमने का ही रचा ह