Jodha Akbar की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की एक अनोखी प्रेम कहानी है जोधा अकबर के बारे में लोगों के अलग-अलग मत हैं।
jodha akbar का इतिहास
Jodha akbar इतिहास में इस कहानी का कोई पुख्ता प्रमाण देखने को नहीं मिलता है। जिनमें से कुछ लोग जोधा अकबर की पूरी कहानी को सत्य मानते है। वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि जोधा नामक किरदार का अस्तित्व इतिहास में कहीं देखने को नहीं मिलता है। लेकिन कई इतिहासकारों ने जोधा अकबर की कथा को गलत कहा है उनके हिसाब से किसी भी ऐतिहासिक किताब में जोधा के होने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है। कुछ इतिहासकार के अनुसार जोधा अकबर के बेटे जहांगीर की राजपुताना बेगम थी कई इतिहासकारों के अनुसार जोधा किसी लेखक की कलम का काल्पनिक पात्र है। राजस्थानी लोगों का कहना है कि किसी भी राजपूत स्त्री की शादी अकबर से नहीं की गई थी और कुछ का कहना है कि जोधा नाम से नहीं अन्य किसी नाम से राजपुताना बेगम को जाना जाता था आज के blog के माध्यम से हम आपको जोधा अकबर की पूरी कहानी को विस्तार से बताएंगे। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं। 2008 में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर के द्वारा बनी फिल्म जोधा अकबर विवादों के घेरे में रही थी राजपूत समाज का कहना था कि जोधा अकबर में दिखाई देने वाली कहानी सत्य घटना पर आधारित नहीं है। वहीं दूसरी तरफ निर्देशक आशुतोष गोवारिकर का कहना है कि जोधा अकबर की कहानी पूरी तरह से सत्य घटना पर आधारित है और पूरी तरह से रिसर्च के बाद इस फिल्म को बनाया गया है। यह फिल्म 2008 की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी लेकिन इस फिल्म को लेकर कई सारे विवाद सामने आए
। इस फिल्म के बाद जोधा अकबर नामक धारावाहिक का प्रसारण हुआ जो उस समय का सबसे सफल धारावाहिक रहा था। इन्हीं विवादों के चलते जोधा अकबर की कहानी में लोगों की दिलचस्पी बनी हुई थी इसलिए आज जोधा अकबर की पूरी कहानी की हम आपको रूबरू कराएंगे। 14 को इतिहास में हीरा कुमारी, 14 बाई, हरका बाई के नाम से भी जाना जाता था। 14 राजपूत राजा बारवाल की पुत्री थी।
akbar spouse अकबर का जीवनसाथी
जोधाबाई का अकबर से विवाह एक राजनीतिक समझौता था। जोधाबाई के बारे में इतिहास के स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया। है। अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था बाबर के पुत्र थे अकबर भारतीय इतिहास मुगल शासनकाल के सबसे सफल शासक थे। लेकिन बात अगर जोधा अकबर की की जाए तो जोधा से विवाद अकबर का एक राजनीतिक समझौता था बात उस समय की है जब अकबर अपने सम्राज्य के विस्तार में लगा हुआ था। उस समय अकबर के सबसे बड़े दुश्मन राजपूत राजा हुआ करते थे। अकबर भी इस बात से भलीभांति परिचित था कि राजपूत राजाओं से टक्कर लेना इतना आसान नहीं है। इसलिए अकबर ने कूटनीति निकाली व राजपूतों से युद्ध के बजाय उनसे पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझता था।
हालांकि अकबर के पास इतिहास के उस दौर की सबसे शक्तिशाली सेना थी इसलिए उसने राजपूतों से पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझा। जब अकबर ने राजा भारमल के राज्य पर चढ़ाई की और उनके तीन बेटों को बंदी बना लिया तब राजा भारमल ने अकबर के संधि कर ली और अपनी पुत्री जोधा का विवाह अकबर के साथ कर दिया। देखा जाए तो जोधा का विवाह एक राजनीतिक समझौता था जो कि अकबर के कहर से अपने राज्य को बचाने के
लिए राजा पार्लमेंट ने किया था अकबर चाहता तो जोधा का धर्म परिवर्तन करा सकता था लेकिन अकबर ने ऐसा नहीं किया। इतिहासकारों का मानना है कि पूरे मुगल शासनकाल में अकबर एक ऐसा शासक था जहां पर उसके शासनकाल के दौरान सभी धर्मों के लोग खुशी खुशी रहते थे। इसलिए अकबर दोनों धर्मों के चेहते मुगल शासक था उन्हीं कारणों की वजह से जोधा के मन में अकबर के प्रति आदर और प्रेम का भाव उत्पन्न हो गया और अकबर भी जोधा से सभी ढाणियों में श्रेष्ठ रानी की नजर से देखने लगा।
अकबर जोधा के साहस और बौद्धिक क्षमता का कायल था। वह अक्सर कोई बड़े निर्णय लेने से पहले 14 से सलाह मशविरा जरूर करता था। बाद में जोधा को मल्लिका ए हिंद का खिताब भी हासिल हुआ। इसलिए जोधा अकबर की कहानी को प्रेम कहानी की नजर से देखा जाने लगा। जानकारों के अनुसार अकबर ने जोधा के लिए किला भी बनवाया था। बताया जाता है कि अकबर ने उस किले में जोधा के लिए राम मंदिर का निर्माण कराया था। इसी वजह से हमें अकबर के शासनकाल में हुई नक्काशी में दोनों धर्मों की कला का समावेश देखने को मिलता है। लेकिन कई इतिहासकारों का मत है कि जोधा एक काल्पनिक पात्र था, जिसका प्रमाण किसी भी पुस्तक में नहीं मिलता है।
जोधा के अस्तित्व के बारे में लोगों और शासकों के अलग अलग मत है। दोस्तो, जोधा अकबर की कहानी के बारे में आप लोगों के क्या विचार है?
क्या जोधाबाई काल्पनिक रचना थी या फिर एक बातें करना? नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं।
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