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history of India in English

 Who was the first to write the history of India? History of India No one has written the history of India, the people of India have made the history of India.  Vedic civilization is the earliest civilization in the history of ancient India,  which is related to the arrival of the commission, it is named after Karan Arya's early literature Vedas.   Thistory of India is believed to be several thousand years old, as soon as Bharat has been told, its history goes back in the same way.   The history of India is believed to be 65,000 years ago. Modern humans, Homo sapiens,  had reached the Indian subcontinent from Africa,  it is believed by modern historians.  Historians say that modern man was born in India, which is mentioned in Shrimad Bhagwat Geet.  Related post Veer tejaji

वीर तेजाजी का जन्म कब हुआ

 वीर तेजाजी का जन्म कब हुआ वीर तेजाजी दशमी कब है वीर तेजाजी की दशमी वर्ष 2021 में तेजा दशमी 16 सितंबर को हैं ताहरजी (थीरराज) और रामकुवरी के घर माघ शुक्ला,चोहस संवत 1130 यथा 1074 के दिन एक जाट कुल में तेजा जी का जन्म हुआ था यह बचपन से ही साहसिक कार्य करने लग गया थे तेजाजी महाराज का बचपन में ही विवाह हो गया था पेमल के साथ में  वीर तेजाजी के कितने भाई थे वीर तेजाजी के तेहड़ जी के कहड़जी, देवजी, दोसोजी चार भाई थे जिनमें देव जी की संतानों से आगे धूलिया गोत्र चला धोलिया वंश की उत्पत्ति खरनाल से हुई थी तेजाजी ने 11वीं सदी में गायों की की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दाव पर लगा दिए थे  तेजाजी का भाभी से संवाद - नियम समय के उपरांत तेजाजी की भाभी रोटियां लेकर आए तेजाजी बोले  बेल्य भूखा रात का बिना कलेवे तेज|  भावज था सु विनती कटे लगाई देर जेज| देवर तेजाजी के गुस्से के भावज झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी उसने चिडने के लहजे में कहा  मण पीस्यो मण पोयो कंवर तेजा रे | मण को रान्यो खाटो खिचडो , लीलन खातर दल्यो दानों कंवर तेजा रे  साथे तो ल्याई भातो निरणी |  दोड़ी लार की लार आई कवर त

मगध साम्रज्य का संस्थापक कौन था magath samrajye ka sansthapak kon tha

 मगध साम्राज्य का संस्थापक कौन था | Ans.बिम्बिसार 544 ई. को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक राजा बनाया गया है बिम्बिसार ने राजगीर को अपनी राजधानी बनाया | इसके वैवाहिक सम्बन्धों { कौशल, वैशाली एवं पंजाब } की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया गया | बिहार राज्य में एक मंडल ने मगध मंडल का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्व वेद में मिलता है मगध बुद्ध कालीन में साम्रा्यों का शक्तिशाली एक राजतांत्रिक राज्य हुआ करता था  यह बिहार राज्य के दक्षिण दिश में मगध साम्राज्य हुआ करता था जो बाद में उतर भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली महाजनपद हुआ  मगध साम्राज्य की स्थापना 684 बीसी.320 बीसी में हुआ था Next page

वीरधर्म किया है

 वीरधर्म ( heroic religion) : युद्ध में घायल हो रण उन्माद में घूमना  सच्चा क्षत्रिय वीर heroic  युद्ध में घायल हो, खाट नहीं पकड़ता वरन रोष और प्रतिशोध की ज्वाला में जलता हुआ बडबडाता है तथा घाव से घायल हुआ भी रणोन्माद में घूमता है।  इस आशय का ईश्वर दास जी का कथन है कि- मतवाळा घूमै नहीं, नहं घायल बरड़ाय । बालि सखी ऊ द्रंगड़ों, भड बापडा कहाय ।। ठीक ऐसा ही भाव सूर्यमल मिश्रण ने भी व्यक्त किया है- " दिन में देखूं जूझतो, निस घावां बरडाय।" यहां "बरडा़ना" से तात्पर्य नींद में प्रलाप करने से नहीं है जैसा कि प्राय लोग किया करते हैं अपितु यह रोषोन्मत वीर का घायल और निद्रा अवस्था में भी शत्रु से प्रतिशोध लेने हेतु व्यक्त एस अस्फुट विरोद्गार है। तात्पर्य यह है कि सच्चे वीर के अवचेतन में भी लड़ने और शत्रु से बैर का बदला लेने की ही चाह लगी रहती है जिससे वह नींद में भी क्रोध से बडबडाता है और घायल हुआ भी झूमता है। सूर्यमल मिश्रण ने इसे ही वीर धर्म कहा कहा है। "रतनधाय धुम्मन ही विरंचन धर्म बीरन को रच्यो‌‌" अर्थात ब्रह्मा ने वीरों का धर्म युद्ध में घावों से घूमने का ही रचा ह

Maha kumbh mela 2021

 Kumbh Mela 2021 These are the 13 akhadas of Kumbh, know what is the importance  The Kumbh Mela is one of the largest religious events in the world. Millions of people attend this fair. The Kumbh Mela is held every 12 years. But every time the festival of Kumbh is held only on the banks of one of the 4 holy rivers. These include Ganga in Haridwar, Shipra of Ujjain, Godavari in Nashik and Allahabad where the Ganges, Yamuna and Saraswati meet. Raj mata jeeja bai What are the arena? Akharas have special significance in Kumbh. The term Akhara started from the era of Mughal period. The arena is that group of sadhus who also excel in armaments. What is occupation? When dancing and singing in Kumbh are pranked, it is called Peshwai. It is said that Shankaracharya built 13 akharas in the eighth century. Let's know about these 13 Akharas 1. Atal Arena - His deity is Lord Ganesha. Only Brahmins, Kshatriyas and Vaishyas can take initiation in this arena and no other can enter this arena. It i

हाड़ी रानी का रहस्यम इतिहास 1(Mysterious History of the Handi Queen 1)

 हाड़ी रानी का रहस्यम इतिहास 1 राजपूताना की इस मिट्टी ने एक तरफ अल्हड़ वीरों को जन्म दिया। वहीं यहाँ कई ऐसी विरांगनाए भी थी, जिनकी मिसाल आज भी दी जाती है। इन्हीं नामों में से एक नाम है हाड़ी रानी !  हाड़ी रानी की वीरता और अमर बलिदान की गाथा, इतिहास के अनगिनत पन्नों में छिपी सैकड़ों गाथाओं में से एक है। हाड़ाओं की शौर्य स्थली " बूंदी " के नरेश संग्राम सिंह जी की सुपुत्री सलह कंवर जो इतिहास में " हाड़ी रानी " के नाम से विख्यात हुईं। इनका विवाह सलूंबर रावत रतन सिंह चूंडावत के साथ हुआ ।  राजमाता जीजा बाई हड़ारानी को ससुराल आये अभी तीन दिन भी पूरे नहीं हुए थे। तभी मेवाड़ के तत्कालीन महाराणा राज सिंह जी का तत्काल औरंगजेब के खिलाफ युद्ध के लिए सन्देश प्राप्त हुआ । लेकिन चूंडावत जी नवविवाहिता के लावण्य में पड़ कर कर्तव्य से विचलित हो रहे थे। युद्ध स्थल में जाने के बाद भी उन्होंने स्मरण हेतु रानी से निशानी मांगी, उस समय उनकी पत्नी ने उनको क्षत्रिय कर्तव्य पर स्थिर रखने के लिये अपनी जो निशानी स्वरुप शीश भेजा, वह अतुलनीय है। उसकी तुलना संसार के किसी बलिदान से नहीं की जा सकती। तोप

महाराणा संग्राम सिंह जी की लड़ाई Maharana sangram singh

 महाराणा संग्राम सिंह जी की लड़ाई maharana sangram Singh  राजपूताना की पावन धरा जिसे सूरवीरों की जन्मदात्री भी कहा जाता है, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसी धरा के मेवाड़ अंचल के जिक्र बिना राजपूताना का बखान अधूरा सा है , जहा के अनगिनत सूरवीरों के बलिदान से यहां की मिट्टी रंगी है। राजस्थान के गौरव केंद्र मेवाड़ की मिट्टी के इन्हीं वीरों में एक नाम आज भी गूंजता है जिन्हे इतिहास में राणा सांगा जी के नाम से जाना गया जिन्होंने एक आंख , एक हाथ तथा एक पांव गंवाने से साथ कुल 80 घावों का वीर श्रृंगार अपनी देह पर सजाया और रक्त के अंतिम कतरे तक वह अपनी मातृभूमि के लिए शत्रुओं से लोहा लेते रहे । अपने पूरे जीवन काल में लगभग 100 युद्धों का नेतृत्व किया और सभी में विजय रहे। दिल्ली की लोदी सल्तनत को धूल चटा कर सांगा जी भारत का सम्राट बनने की और अग्रसर थे लेकिन तभी लोदी के गर्वनर के आमंत्रण पर बाबर का भारतीय सरजमीं पर प्रवेश होता है जिसे बयाना के युद्ध में स बुरी तरह से सिकस्ट खानी पड़ी। मुग़ल जनरल मंसूर बरलास ने राजपूतों द्वारा मुगलों के कुचले जाने का वर्णन कुछ ऐसे किया - राजपूतों में